बिहार के औरंगाबाद जिले में स्थित देव सूर्य मंदिर, भारत के सबसे प्राचीन और पवित्र सूर्य मंदिरों में से एक है। यह मंदिर न केवल अपनी वास्तुशिल्पी और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां आयोजित होने वाले छठ पूजा के लिए भी जाना जाता है। यह मंदिर सूर्य देव को समर्पित है और हिंदू धर्म में सूर्य देव को देवताओं का देवता माना जाता है।
मंदिर का इतिहास और महत्व
देव सूर्य मंदिर के बारे में माना जाता है कि इसका निर्माण 5वीं से 6वीं शताब्दी के बीच हुआ था। यह मंदिर नागर शैली में बना हुआ है और इसकी वास्तुकला अत्यंत खूबसूरत है। मंदिर का मुख्य द्वार पश्चिम की ओर मुख किया हुआ है, जो अन्य सूर्य मंदिरों से अलग है।
यह मंदिर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत के इतिहास और संस्कृति का एक जीवंत उदाहरण है। यह मंदिर सूर्य पूजा की परंपरा को दर्शाता है जो भारत में सदियों से चली आ रही है। मंदिर की दीवारों पर उत्कीर्ण की गई मूर्तियाँ और शिलालेख मंदिर के इतिहास और महत्व के बारे में जानकारी देते हैं।
छठ पूजा का महत्व
देव सूर्य मंदिर में छठ पूजा का विशेष महत्व है। छठ पूजा सूर्य देव और छठी माता को समर्पित एक चार दिवसीय त्योहार है। यह त्योहार मुख्य रूप से बिहार और झारखंड में मनाया जाता है। देव सूर्य मंदिर में छठ पूजा के दौरान लाखों श्रद्धालु मंदिर में आते हैं और सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं।
छठ पूजा को भारत का सबसे कठिन व्रत माना जाता है। इस व्रत में महिलाएं 36 घंटे तक निर्जला रहती हैं और सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं। यह त्योहार प्रकृति और सूर्य देव के प्रति आस्था का प्रतीक है।
मंदिर में आने का सही समय
देव सूर्य मंदिर में आने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का होता है। इस दौरान मौसम सुहावना होता है और आप आसानी से मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।
मंदिर तक कैसे पहुंचें
देव सूर्य मंदिर तक पहुंचने के लिए आप हवाई मार्ग, रेल मार्ग या सड़क मार्ग से जा सकते हैं। निकटतम हवाई अड्डा पटना एवं गया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। निकटतम रेलवे स्टेशन anugrah Narayan road है। आप यहां से बस या टैक्सी द्वारा मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
निष्कर्ष
देव सूर्य मंदिर बिहार का एक गौरवशाली धरोहर है। यह मंदिर न केवल अपनी वास्तुकला बल्कि अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए भी जाना जाता है। यदि आप भारत के इतिहास और संस्कृति के बारे में जानना चाहते हैं तो आपको देव सूर्य मंदिर अवश्य आना चाहिए।
नोट: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। अधिक जानकारी के लिए आप संबंधित अधिकारियों एवं वेबसाइट से संपर्क कर सकते हैं।
यहां कुछ अतिरिक्त जानकारी दी गई है:
* मंदिर का समय: मंदिर सुबह 5 बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहता है।
* प्रवेश शुल्क: मंदिर में प्रवेश निःशुल्क है।
* फोटोग्राफी: मंदिर में फोटोग्राफी की अनुमति है।
* क्या लाएं: मंदिर में प्रवेश करने से पहले आपको अपने जूते उतारने होंगे। आप अपने साथ पानी और नाश्ता ला सकते हैं।
आशा है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।
यदि आपके कोई अन्य प्रश्न हैं तो बेझिझक पूछें।
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