मेरी यात्रा का आरंभ बिहार के मुजफ्फरपुर से हुआ। रक्सौल बॉर्डर होते हुए मैं नेपाल के बीरगंज पहुंचा। वहां से स्थानीय बस पकड़कर मैं नारायणगढ़ गया। नारायणगढ़ से पोखरा का सफ़र बेहद खूबसूरत था। रास्ते में मुझे हिमालय की शानदार चोटियाँ, घने जंगल, और कल-कल बहते झरने देखने को मिले। मनोकामना मंदिर जाने का मन तो बहुत था, लेकिन समय की कमी के कारण मुझे आगे बढ़ना पड़ा।
पोखरा में आगमन
पोखरा पहुँचते ही मैं मंत्रमुग्ध हो गया। फेवा झील के किनारे स्थित मेरा होटल शहर के शोर-शराबे से दूर एक शांत जगह पर था। शाम को मैंने झील के किनारे टहलते हुए सूर्यास्त का नज़ारा देखा। अन्नपूर्णा चोटी पर ढलती सूरज की किरणें एक अद्भुत नज़ारा पेश कर रही थीं।
पोखरा के प्रमुख आकर्षण
- फेवा झील: पोखरा की सबसे लोकप्रिय झील है। मैंने यहां बोटिंग की और झील के बीचों-बीच स्थित ताल बाराही मंदिर गया।
- बेगनास लेक: यह झील फेवा झील की तुलना में शांत है और यहां स्थानीय लोग मछली पकड़ते हुए दिखाई देते हैं।
- डेविस फॉल: यह झरना एक प्राकृतिक आश्चर्य है। पानी की धार इतनी तेज है कि यह एक गुफा में समा जाती है।
- सारंगकोट: यह स्थान पैराग्लाइडिंग के लिए प्रसिद्ध है। मैंने यहां से हिमालय की शानदार चोटियों का नज़ारा लिया।
- पोखरा शांति स्तूप: यह श्वेत रंग का स्तूप शांति का प्रतीक है। यहां से पूरे पोखरा शहर का नज़ारा दिखाई देता है।
स्थानीय व्यंजन
पोखरा में मैंने कई तरह के स्थानीय व्यंजन चखे। मोमो, थुकपा, और दाल भात मुझे बहुत पसंद आए। स्थानीय बाज़ारों में ताज़ी सब्जियां और फल मिलते हैं।
यात्रा का खर्च
पोखरा में यात्रा का खर्च काफी किफायती है। होटल, भोजन, और स्थानीय परिवहन पर कम खर्च आता है।
कुछ सुझाव
- पोखरा की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक होता है।
- यात्रा के दौरान हल्के कपड़े और एक गरम जैकेट जरूर साथ रखें।
- स्थानीय लोगों से बातचीत करने से आपको पोखरा के बारे में अधिक जानकारी मिलेगी।
- पैदल चलना और साइकिल चलाना पोखरा घूमने का सबसे अच्छा तरीका है।
निष्कर्ष
पोखरा की यात्रा मेरे लिए एक अविस्मरणीय अनुभव रही। यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं तो पोखरा घूमने जरूर जाएं। यह शहर आपको अपनी प्राकृतिक सुंदरता से मंत्रमुग्ध कर देगा।