पिछले 2 साल मैं करोना के कारण कहीं की भी यात्रा नहीं कर पाता था वर्ष 2021 में अक्टूबर माह में दशहरा के कारण अवकाश था तो मैंने प्लानिंग किया नेपाल में पोखरा और काठमांडू भ्रमण | तो मै दिनांक 12 अक्टूबर को निकल गया पोखरा के लिए इसके लिए मै मुजफ्फरपुर से रक्सोल बॉर्डर पर गया इसके बाद बीरगंज गया जो कि रक्सौल से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर है यहां से नेपाल के हर एक शहरों के लिए छोटी और बड़ी गाड़ी मिलती है तो मैंने 11:00 बजे छोटी गाड़ी लिया और यहां से मैं नारायणगढ़ के लिए गया नारायणगढ़ की दूरी करीब 100 किलोमीटर है और मैंने रात्रि विश्राम नारायणगढ़ में लिया यहां से सुबह में पोखरा के लिए बस पकड़ा जो खूबसूरत रास्ते हिमालय के पहाड़ियों में रास्ता बना हुआ है जो काफी बेहतर और मनोरम लगता है पोखरा 11:00 बजे दिन में पहुचा | नारायणगढ़ से पोखरा की दूरी करीब 80 किलोमीटर है रास्ते में बहुत सारे झरने और नदियां मिलेगी इसी रास्ते में एक मनोकामना मंदिर भी है जहां पर रोपवे से जाया जा सकता है मगर समय के अभाव के कारण मैं यहां नहीं जा सका और सीधे पोखरा चला गया |पोखरा जाने के समय में बहुत सुंदर दृश्य मिलता है पोखरा का तापमान अभी 20 डिग्री है और यह शहर काठमांडू के बाद नेपाल का दूसरा सबसे बड़ा शहर है यह स्थल अन्नपूर्णा चोटी के तलहटी में बसा हुआ है यहां से हिमालय पर्वत माला अन्नपूर्णा धौलागिरी माचो पूछो की चोटियां स्पष्ट नजर आती है और इस शहर का सुंदरता में चार चांद लगा देती रात्रि में यहां पर मैंने ठहरा और एक होटल लिया आपको बता दें कि भारतीय मुद्रा का वैल्यू यहां ज्यादा है 1०० का वैल्यू 160 है काफी महंगा शहर है यह देखने के लिए बहुत सारी चीजें हैं जो निम्नलिखित है|
अगर आप नेचर लवर हैं और टूरिज्म के लिए किसी शानदार डेस्टिनेशन की तलाश में हैं तो आपको फिर एक बार 'पोखरा' जरूर जाना चाहिए। सेंट्रल नेपाल में फेवा झील के पास बसा है यह शहर। इसे हिमालय ट्रेल के अन्नपूर्णा सर्किट के गेटवे के तौर पर भी जाना जाता है। यहां की बेहद खास बात है यहां की झीलें, जो कि बहुत शांत हैं। इसके अलावा इन झीलों के किनारे आपको प्रकृति का ऐसा रूप देखने को मिलेगा कि मानों सारी खूबसूरत बस यहीं बसती हो। तो आइए जानते हैं कि 'पोखरा' की वो कौन सी सात जगहें हैं जहां हर कोई एक बार जरूर जाना चाहता है।
बेगनास लेक नेपाल की तीसरी और पोखरा वैली की दूसरी सबसे बड़ी लेक है। इसका साफ पानी और कलकल करता हुआ संगीत टूरिस्ट को खासा आकर्षित करता है। इस झील के किनारे हरे-भरे पेड़-पौधों के बीच खूबसूरत रिजॉर्ट्स भी बने हैं। इसके अलावा झील के पानी का इस्तेमाल फिशिंग और खेती के लिए भी किया जाता है।
फेवा लेक डेविस फाल से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह झरना काफी रहस्मयी कहा जाता है। बता दें इसका पानी किसी नदी या फिर लैगून में नहीं जाता है। इसके बजाए यह गायब होने और गुफाओं से गुजरने से पहले एक डार्क होल में गिरता है। यही वजह है कि टूरिस्ट्स को यह जगह काफी अट्रैक्ट करती है। डेविस फाल के नाम के बारे में कहा जाता है कि एक बार एक स्विस महिला जिसका नाम दावी था। यहां उसकी स्वीमिंग के दौरान मौत हो गई थी। इसके बाद से ही इस फाल का नाम डेविस फाल पड़ गया।
पोखरा के बाहरी इलाके में स्थित, शहर के शोर से दूर सारंगकोट का छोटा पहाड़ी गांव है। यहां जिधर भी देखेंगे हर तरफ प्रकृति मुस्कुराती हुई नजर आती है। इसके अलावा यहां वाइल्डलाइफ देखने का भी अनुभव होता है। सारंगकोट में तमाम तरह के पक्षियों का कलरव भी सुनने को मिलता है। यानी कि यहां आपको प्रकृति के अलग-अलग रंग देखने को मिलते हैं।
फेवा लेक को पोखरा की सबसे लोकप्रिय झील के रूप में जाना जाता है। इस झील के आसपास आपको पर्वतों की चोटियां नजर आएंगी। झील का पानी बिल्कुल कांच की तरह साफ झलकता है। पर्यटक यहां बोटिंग करके झील की खूबसूरती को और भी करीब से देखते हैं।
पोखरा शांति स्तूप' फेवा लेक के ऊपर एक संकरी चोटी के ऊपर गिरा हुआ चमचमाता सफेद विश्व शांति शिवालय है। बता दें कि गुंबद का निर्माण बौद्ध भिक्षुओं ने शांति के प्रतीक के रूप में किया था। स्तूप तक पहुँचने के तीन अलग-अलग रास्ते हैं। इसमें नाव के माध्यम से, जंगल के माध्यम से या फिर लंबी पैदल यात्रा से यहां पहुंचा जा सकता है। हालांकि यहां पहुंचने के लिए सबसे लोकप्रिय और प्रचलित तरीका नाव ही है। यहां पहाड़ी पर पहुंचने के बाद हिमालय और पोखरा घाटी के शानदार नजारे देखने को मिलते हैं।
गुप्तेश्वर महादेव गुफा ( नेपाली गुप्तेश्वर महादेव गड्ढा) पोखरा में स्थित एक गुफा है , डेविस फॉल के सामने डेविस फॉल का पानी इस गुफा से होकर गुजरता है। गुप्तेश्वर महादेव गुफा पोखरा के प्रमुख आकर्षणों में से एक है ।
महेंद्र गुफा पोखरा में स्थित एक गुफा है, बल्लीचौड़, काली खोह के पास, एक बड़ी चूना पत्थर की गुफा है। यह नेपाल में एक गुफा प्रणाली का एक दुर्लभ उदाहरण है जिसमें स्टैलेग्माइट्स और स्टैलेक्टाइट्स होते हैं। यह शो गुफा हर साल हजारों पर्यटकों को आकर्षित करती है।
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