सोमवार, 11 अगस्त 2025

पोखरा: हिमालय की गोद में हमारा अविस्मरणीय पारिवारिक सफर...

नेपाल का मनोरम शहर पोखरा, जिसे अक्सर "हिमालय का प्रवेश द्वार" कहा जाता है, प्रकृति, शांति और रोमांच का अनूठा संगम है। वर्ष 2022 के अक्टूबर महीने में, मुझे अपनी पत्नी अनीता और बेटे दिव्यांशु (दुग्गू) के साथ इस खूबसूरत शहर की यात्रा करने का अवसर मिला। यह यात्रा सिर्फ एक पर्यटन अनुभव नहीं थी, बल्कि हमारे परिवार के लिए यादों का खजाना बन गई।

यात्रा की शुरुआत – मुजफ्फरपुर से नेपाल की ओर

हमारी यात्रा बिहार के मुजफ्फरपुर से शुरू हुई। सुबह का समय था, मौसम सुहावना, और दिल में रोमांच भरा हुआ। कार में सामान रखते समय दुग्गू की आंखों में उत्साह साफ झलक रहा था—उसे पहली बार इतने लंबे सफर का अनुभव मिलने वाला था।

मुजफ्फरपुर से हम रक्सौल बॉर्डर की ओर बढ़े। रास्ते में हरियाली और गांव के नजारे यात्रा को आनंददायक बना रहे थे। बॉर्डर पार करते ही हम नेपाल के बीरगंज पहुंचे। यहां का माहौल भारतीय और नेपाली संस्कृति के मेल का एहसास दिला रहा था।

नारायणगढ़ से पोखरा – प्रकृति का अद्भुत सफर

बीरगंज से हमने एक स्थानीय बस पकड़ी, जो हमें नारायणगढ़ ले गई। यह सफर अपने आप में एक अनुभव था—सड़क के दोनों ओर पहाड़ी नदियां, हरे-भरे जंगल और दूर-दूर तक फैले धान के खेत।

नारायणगढ़ से पोखरा का सफर तो मानो किसी पेंटिंग के बीच से गुजरने जैसा था। जैसे-जैसे बस ऊंचाई पर चढ़ती गई, हिमालय की बर्फीली चोटियां साफ दिखने लगीं। बीच-बीच में झरनों का कल-कल बहता पानी और हल्की ठंडी हवा, मन को रोमांच और शांति दोनों दे रही थी।

मन में मनोकामना मंदिर जाने की इच्छा थी, जो इस मार्ग पर ही स्थित है, लेकिन समय की कमी के कारण हमें आगे बढ़ना पड़ा।

पोखरा में आगमन – पहला ही नजारा दिल में उतर गया

शाम के करीब हम पोखरा पहुंचे। हमारा होटल फेवा झील के किनारे था, जो शहर की भीड़-भाड़ से थोड़ा दूर था। कमरे से ही झील और दूर दिखाई देती हिमालय की चोटियों का दृश्य देखने लायक था।

सामान रखकर हम तुरंत झील के किनारे निकल पड़े। सूर्यास्त का समय था—अन्नपूर्णा पर्वत श्रृंखला पर ढलते सूरज की सुनहरी किरणें ऐसे चमक रही थीं मानो प्रकृति ने अपने कैनवास पर सुनहरी पेंटिंग बना दी हो। दुग्गू पानी के किनारे खेल रहा था, और हम दोनों उस अद्भुत दृश्य में खो गए थे।

पोखरा के प्रमुख आकर्षण

1. फेवा झील
पोखरा का दिल कहें तो यही है। हमने यहां बोटिंग की और झील के बीच बने ताल बाराही मंदिर तक पहुंचे। शांत पानी में नाव की हल्की हलचल, चारों ओर पहाड़ और ऊपर नीला आसमान—यह अनुभव शब्दों में बयां करना मुश्किल है।

2. बेगनास लेक
भीड़-भाड़ से दूर, यह झील अपनी शांति के लिए मशहूर है। यहां स्थानीय लोग मछली पकड़ते दिखे, और हम तीनों ने झील किनारे बैठकर लंबा समय बिताया।

3. डेविस फॉल
एक अनोखा जलप्रपात, जिसकी धार सीधे एक गुफा में समा जाती है। इसके पास स्थित गुप्तेश्वर गुफा में प्रवेश करते ही ठंडी हवा और अंधेरा रोमांचक लगने लगा।

4. सारंगकोट
यहां से सूर्योदय का दृश्य देखने के लिए हम सुबह-सुबह निकले। दुग्गू तो नींद में था, लेकिन जब उसने धौलागिरी और अन्नपूर्णा श्रृंखला की सुनहरी चोटियां देखीं, तो उसकी आंखें चमक उठीं। यहां पैराग्लाइडिंग भी होती है, और कई पर्यटक हवा में उड़ते दिखाई दे रहे थे।

5. पोखरा शांति स्तूप
सफेद रंग का यह स्तूप पहाड़ी की चोटी पर है। यहां से पूरे शहर और झील का विहंगम दृश्य दिखाई देता है। हल्की ठंडी हवा और घंटियों की ध्वनि मन को गहरे सुकून में डुबो देती है।

स्थानीय स्वाद – खाने की यादें

पोखरा का खाना भी हमारी यात्रा का खास हिस्सा रहा।

मोमो – गरमा-गरम स्टीम्ड डम्पलिंग्स, जिसे दुग्गू ने बड़े चाव से खाया।

थुकपा – नूडल सूप, जो ठंडे मौसम में शरीर को गर्माहट देता है।

दाल भात – चावल, दाल, सब्जी और अचार का पारंपरिक नेपाली भोजन, जिसे अनीता ने खूब पसंद किया।


स्थानीय बाजारों में घूमते हुए हमने ताजे फल, सब्जियां और हस्तशिल्प भी खरीदे।

यात्रा का खर्च – जेब पर हल्का, अनुभव में भारी

पोखरा घूमना अपेक्षाकृत किफायती है।

होटल – बजट से लेकर लग्जरी तक कई विकल्प उपलब्ध।

भोजन – स्थानीय रेस्त्रां में स्वादिष्ट भोजन कम कीमत पर मिलता है।

परिवहन – पैदल घूमना या साइकिल किराए पर लेना सबसे अच्छा तरीका है।

यात्रियों के लिए सुझाव

1. सही समय चुनें – अक्टूबर से मार्च का समय सबसे अच्छा है, जब आसमान साफ और मौसम सुहावना रहता है।


2. कपड़े – हल्के कपड़े और सुबह-शाम के लिए एक गरम जैकेट रखें।


3. स्थानीय जुड़ाव – वहां के लोगों से बातचीत करें, आपको कई छुपे हुए स्थानों की जानकारी मिलेगी।


4. पर्यावरण का ध्यान – कचरा न फैलाएं और प्राकृतिक सौंदर्य को सुरक्षित रखें।


5. रोमांच – पैराग्लाइडिंग, ट्रेकिंग और बोटिंग जैसे अनुभव जरूर लें।

निष्कर्ष – यादों में बसा पोखरा

हमारी यह पारिवारिक यात्रा सिर्फ एक जगह घूमना नहीं थी, बल्कि यह हमारे रिश्तों में और मिठास घोलने वाला अनुभव था। पोखरा की झीलें, हिमालय की चोटियां, शांत वातावरण और स्थानीय लोगों की मुस्कान—ये सब मिलकर हमारे दिल में हमेशा के लिए बस गए हैं।

यदि आप भी अपने परिवार के साथ प्रकृति की गोद में कुछ समय बिताना चाहते हैं, तो पोखरा जरूर जाएं। यह शहर न केवल आपको प्राकृतिक सुंदरता का आनंद देगा, बल्कि आपको अपने प्रियजनों के साथ बिताए हर पल को और भी खास बना देगा।


अन्नपूर्णा चोटी पोखरा 

पोखरा 

बेगनस लेक 




                     

                                                
        

        

    

  




मेहन्द्र गुफा 





 
















डेविस फाल पोखरा 



फेवा लेक ,पोखरा 






महेंद्र गुफा 












फेवा लेक
फेवा लेक 

























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