शनिवार, 18 मई 2013

यात्रा में निकलने से पहले


छुट्टियाँ बिताने के लिये पूरे परिवार के साथयात्रा में जाने का शौक  किसे नहीं होता। घूमने जाने के नाम से बच्चे सबसे अधिक रोमांचित होते हैं पर साथ ही साथ बड़े भी उत्साहित रहते हैं। पर अक्सर होता यह है कि लोग बिना किसी पूर्व योजना तथा तैयारी के यात्रा में निकल पड़ते हैं जिससे उन्हें अनेकों कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। घूमने का सारा मजा किरकिरा हो जाता है। इसलिये अच्छा यही है कि पूरी तरह से सोच-समझ कर यात्रा की पूर्व योजना बनायें और समस्त तैयारियों के साथ ही यात्रा में निकलें।
पूर्व योजनाः
  • यात्रा में जाने की योजना पर्याप्त समय पहले ही बनायें और अपना कार्यक्रम निश्‍चित कर लें जैसे कि कहाँ जाना है, कब जाना है, वहाँ रहने के दौरान वहाँ का अनुमानित मौसम कैसा रहेगा इत्यादि।
  • यह भी विचार कर लें कि किस स्थान पर किस माध्यम से जायेंगे फ्लाइट, रेल या टैक्सी/बस से। यह भी तय कर लें कि किस स्थान में कितने दिनों तक ठहरना है।
  • अपने जेब को ध्यान में रखते हुये अपना बजट भी पहले ही निश्‍चित कर लें।
  • हवाई जहाज से घूमने की इच्छा भला किसे नहीं होती। आजकल कई कंपनियाँ पर्यटकों को सस्ते दर पर टिकिट देती हैं इसलिये पहले ही पता कर लें कि कौन सी कंपनी आपके बजट के अनुरूप दर पर टिकिट दे रही है।
  • सब कुछ तय हो जाने के बाद अपने जाने तथा आने के लिये फ्लाइट, रेल आदि के आरक्षण की उचित व्यवस्था कर लें। जहाँ तक हो सके होटल आदि की व्यवस्था भी पहले ही कर लें जिससे कि गंतव्य स्थान में पहुँचने के बाद जगह ढूँढने में आपका समय बर्बाद न हो। आजकल इंटरनेट की सुविधा होने से आरक्षण, होटल बुकिंग आदि कार्य घर बैठे ही आसानी के साथ किया जा सकता है।
  • यात्रा के दौरान अपने साथ ले जाने वाली वस्तुओं की सूची भी बना लें ताकि ऐन वक्‍त पर कोई चीज छूट न जाये।
तैयारियाँ
  • घर से निकलने के पहले निश्‍चित कर लीजिये कि टूथब्रश, टूथपेस्ट, साबुन, शैम्पू, तौलिया, शेविंग किट, बाल सँवारने के सामान आदि रख लिया गया है। प्रायः लोग इन्हीं चीजों को रखना भूल जाते हैं।
  • बुखार तथा दर्दनिवारक गोलियाँ, बैंडएड आदि जैसी कुछ आवश्यक दवाएँ और फर्स्ट-एड बाक्स रखना कदापि न भूलें। सम्पूर्ण यात्रा के दौरान कभी भी इनकी जरूरत पड़ सकती है।
  • एक छोटा टार्च, एक छोटा चाकू और एक छोटा ताला अपने साथ अवश्य रखें, ये यात्रा में बहुत काम आती हैं।
  • यद्यपि आजकल सभी पर्यटन स्थलों मे खान-पान की पर्याप्त व्यवस्था होती है, फिर भी अपने साथ कुछ हल्के नाश्ते का सामान भी रख लें।
  • अपने साथ अनावश्यक और भारी सामान कभी भी न रखें। छोटी-छोटी पैकिंग करें जिन्हें परिवार के लोग स्वयं ही उठा सकने में समर्थ हों क्योंकि यात्रा के दौरान अपने सामानों को स्वयं उठा कर ले जाने के अवसर अनेकों बार आते हैं।
कुछ सुझाव
  • महत्वपूर्ण कागजातों जैसे कि टिकिट, पासपोर्ट, क्रेडिट तथा एटीएम कार्ड्स, ड्राइव्हिंग लायसेंस आदि की छायाप्रति बनवा लें ताकि यदि कोई कागजात खो जाता है तो छायाप्रति से काम चलाया जा सके।
  • आवश्यकता से अधिक नगद रकम साथ न रखें और प्लास्टिक मनी अर्थात् क्रेडिट तथा एटीएम कार्ड्स का पूरा-पूरा उपयोग करें।
  • अपने सभी पैकिंगों पर अपना नाम व पता लिख दें, उनके भीतर भी अपने नाम व पते की स्लिप डाल दें।
  • परिचित लोगों के फोन नंबरों की सूची साथ रखें।
  • कहीं पर भी कूड़ा-करकट न फैलायें बल्कि उपयोग करने के बाद पालीथिन झिल्ली, डिस्पोजेबल गिलास आदि को कूड़ेदान में ही डालें।
  • नियम और कानून की अवहेलना ना करें।
  • हमेशा अपना व्यवहार सम्भ्रान्त रखें और अनजान लोगों पर एकाएक विश्‍वास न करें।
यदि आप उपरोक्‍त बातों का ध्यान रखेंगे तो आपको निश्‍चिंत होकर अपनी छुट्टियों तथा यात्रा का पूरा-पूरा मजा लेने का मौका अवश्य ही मिलेगा।
यात्रा सुविधा प्रदान करने वाली साइट्सः

हिस्टोरिकल प्लेस के भ्रमण के पहले क्या करे ?


    ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण के पहले क्या करें?
ऐतिहासिक स्थल हमारी संस्कृति और इतिहास के जीवंत साक्षी होते हैं। इनका भ्रमण न केवल मनोरंजन का साधन है बल्कि ज्ञानवर्धन का भी एक शानदार अवसर है। मगर, कई बार हम इन स्थलों को सिर्फ इमारतें मानकर देख आते हैं और उनके वास्तविक महत्व को समझने से चूक जाते हैं। आइए जानते हैं कि कैसे हम इन स्थलों के भ्रमण को और अधिक ज्ञानवर्धक बना सकते हैं।

भ्रमण से पहले की तैयारी
 * सूचना बोर्ड: जब आप किसी ऐतिहासिक स्थल पर पहुंचें तो सबसे पहले वहां लगे सूचना बोर्ड को ध्यान से पढ़ें। इन बोर्डों पर उस स्थल के इतिहास, निर्माण काल, वास्तुकला और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां होती हैं।
 * स्थानीय लोगों से बातचीत: स्थानीय लोग उस स्थान के बारे में कई दिलचस्प किंवदंतियां और जानकारियां रखते हैं। उनसे बात करके आप उस स्थान के बारे में और अधिक जान सकते हैं।
 * पूर्व जानकारी: भ्रमण से पहले उस स्थान के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी जुटा लें। इंटरनेट, पुस्तकें या डॉक्यूमेंट्री फिल्मों के माध्यम से आप उस स्थान के बारे में बहुत कुछ जान सकते हैं।
 * कैमरा: एक अच्छा कैमरा ले जाना न भूलें। आप उस स्थान की तस्वीरें खींचकर अपनी यादों को सहेज सकते हैं।

ऐतिहासिक स्थलों को समझने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें
 * स्थान का चयन: सोचें कि उस स्थान का चयन क्यों किया गया होगा? प्राचीन काल में लोग पानी के स्रोतों और पत्थरों की उपलब्धता के आधार पर ही बस्तियां बसाते थे।
 * वास्तुकला: उस स्थान की वास्तुकला पर ध्यान दें। यह आपको उस काल की कला और शिल्पकला के बारे में जानकारी देगी।
 * प्रतीक और चिन्ह: मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों में कई तरह के प्रतीक और चिन्ह होते हैं। इनका अध्ययन करके आप उस धर्म और संस्कृति के बारे में जान सकते हैं।
 * शिलालेख और ताम्रपत्र: कई ऐतिहासिक स्थलों पर शिलालेख और ताम्रपत्र मिलते हैं। इन पर लिखी हुई बातें उस काल के इतिहास के बारे में बहुत कुछ बताती हैं।
मंदिरों को समझने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें
 * गर्भगृह और मंडप: मंदिर का सबसे पवित्र भाग गर्भगृह होता है जहां पर मुख्य देवता की मूर्ति स्थापित होती है। गर्भगृह के बाहर का भाग मंडप कहलाता है जहां भक्त बैठकर पूजा करते हैं।
 * प्रतिमाएं: मंदिरों की दीवारों और गर्भगृह के प्रवेश द्वार पर कई तरह की प्रतिमाएं होती हैं। इन प्रतिमाओं को पहचानना सीखें।
 * दिशाएं: अधिकांश मंदिरों का मुख पूर्व दिशा की ओर होता है।
 * दिक्पाल: मंदिरों में दस दिशाओं के देवताओं (दिक्पाल) की प्रतिमाएं होती हैं।
देवताओं की मूर्तियों को पहचानने के लिए कुछ सुझाव
 * विष्णु: चार हाथ, शंख, चक्र, गदा, पद्म, वाहन गरुड़
 * शिव: जटा, मुकुट, नंदी, त्रिशूल, डमरू, नाग, खप्पर
 * ब्रह्मा: चार मुख, दाढ़ी-मूछ, कमण्डलु, पोथी, अक्षमाल, वाहन हंस
 * कार्तिकेय: छह मुख, शूल, बघनखा
 * दुर्गा-पार्वती: सिंहवाहिनी
 * सरस्वती: वीणा, पुस्तक, हंस
 * लक्ष्मी: कमल, हाथी
अन्य महत्वपूर्ण बातें
 * नारी-पुरुष का भेद: प्राचीन प्रतिमाओं में नारी-पुरुष का भेद स्तन से ही संभव होता था।
 * प्रणाली: मंदिरों में गर्भगृह से जल निकालने वाली नाली को प्रणाली कहते हैं।

निष्कर्ष
ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण एक अद्भुत अनुभव हो सकता है। यदि आप थोड़ी सी तैयारी करके और इन स्थलों को समझने की कोशिश करें तो आपका यह अनुभव और भी यादगार बन जाएगा।
यह जानकारी आपको ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण को और अधिक रोचक और ज्ञानवर्धक बनाने में मदद करेगी।

अतिरिक्त सुझाव:
 * समूह में भ्रमण: किसी गाइड या इतिहासकार के साथ भ्रमण करने से आप उस स्थान के बारे में और अधिक गहराई से जान सकते हैं।
 * पढ़ें और जानें: ऐतिहासिक स्थलों के बारे में किताबें और लेख पढ़ें।
 * बच्चों को साथ लेकर जाएं: बच्चों को ऐतिहासिक स्थलों के बारे में बताकर आप उनके मन में इतिहास के प्रति रुचि जगा सकते हैं।
यह लेख सिर्फ एक सामान्य जानकारी है। किसी भी ऐतिहासिक स्थल के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप उस स्थान के विशेषज्ञों से संपर्क कर सकते हैं।
आशा है यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।


             


कोलकाता: इतिहास, संस्कृति और आधुनिकता का संगम...

दिनांक: 2 दिसंबर, 2012 रेलवे परीक्षा के कारण मुझे कोलकता जाने का मौका मिला। हालांकि मैं पहले भी इस शहर आ चुका था, लेकिन इस बार मैंने थोड़ा घूमने का भी मन बनाया। कोलकाता, पश्चिम बंगाल की राजधानी, भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर और एक महत्वपूर्ण बंदरगाह है। इस शहर का इतिहास बेहद समृद्ध है और इसमें अंग्रेजों के उपनिवेशवाद का भी गहरा प्रभाव है।

कोलकाता पहुंचते ही मैंने महसूस किया कि यह शहर अपनी अनूठी संस्कृति और विरासत के लिए जाना जाता है। हुगली नदी के किनारे बसा यह शहर अपनी प्राचीन इमारतों, व्यस्त बाजारों और मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है।

दर्शनीय स्थल-

मैंने कई ऐतिहासिक स्थलों का दौरा किया, जिनमें विक्टोरिया मेमोरियल, सेंट पॉल कैथेड्रल, और नाखोदा मस्जिद शामिल हैं। इन इमारतों की वास्तुकला ने मुझे अतीत की याद दिला दी। इसके अलावा, मैंने दक्षिणेश्वर काली मंदिर भी देखा, जो श्री रामकृष्ण परमहंस से जुड़ा हुआ है।

यातायात और परिवहन

कोलकाता में यातायात के कई साधन उपलब्ध हैं। मैंने ट्राम, मेट्रो और बसों का उपयोग किया। ट्राम की सवारी एक अनूठा अनुभव था। शहर में कई बड़े रेलवे स्टेशन भी हैं, जैसे हावड़ा जंक्शन और सियालदह जंक्शन।

खाना

कोलकाता के खाने ने मेरा दिल जीत लिया। मैंने मछली, मटन और मिठाई के कई तरह के व्यंजन चखे। विशेष रूप से, फुचका और रसमलाई मुझे बहुत पसंद आए।

लोग

कोलकाता के लोग बहुत ही मिलनसार और मेहमाननवाज हैं। मैंने यहां के लोगों के साथ बातचीत करने का भरपूर मौका पाया।

कुल मिलाकर

कोलकाता यात्रा मेरे लिए एक यादगार अनुभव रहा। इस शहर की संस्कृति, इतिहास और लोगों ने मुझे बहुत प्रभावित किया। मैं निश्चित रूप से भविष्य में फिर से कोलकाता आना चाहूंगा।


निष्कर्ष

कोलकाता एक ऐसा शहर है जिसे एक बार देखना चाहिए। यदि आप इतिहास, संस्कृति और खाने के शौकीन हैं, तो कोलकाता आपके लिए एकदम सही जगह है।