दिनांक: 2 दिसंबर, 2012 रेलवे परीक्षा के कारण मुझे कोलकता जाने का मौका मिला। हालांकि मैं पहले भी इस शहर आ चुका था, लेकिन इस बार मैंने थोड़ा घूमने का भी मन बनाया। कोलकाता, पश्चिम बंगाल की राजधानी, भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर और एक महत्वपूर्ण बंदरगाह है। इस शहर का इतिहास बेहद समृद्ध है और इसमें अंग्रेजों के उपनिवेशवाद का भी गहरा प्रभाव है।
कोलकाता पहुंचते ही मैंने महसूस किया कि यह शहर अपनी अनूठी संस्कृति और विरासत के लिए जाना जाता है। हुगली नदी के किनारे बसा यह शहर अपनी प्राचीन इमारतों, व्यस्त बाजारों और मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है।
दर्शनीय स्थल-
मैंने कई ऐतिहासिक स्थलों का दौरा किया, जिनमें विक्टोरिया मेमोरियल, सेंट पॉल कैथेड्रल, और नाखोदा मस्जिद शामिल हैं। इन इमारतों की वास्तुकला ने मुझे अतीत की याद दिला दी। इसके अलावा, मैंने दक्षिणेश्वर काली मंदिर भी देखा, जो श्री रामकृष्ण परमहंस से जुड़ा हुआ है।
यातायात और परिवहन
कोलकाता में यातायात के कई साधन उपलब्ध हैं। मैंने ट्राम, मेट्रो और बसों का उपयोग किया। ट्राम की सवारी एक अनूठा अनुभव था। शहर में कई बड़े रेलवे स्टेशन भी हैं, जैसे हावड़ा जंक्शन और सियालदह जंक्शन।
खाना
कोलकाता के खाने ने मेरा दिल जीत लिया। मैंने मछली, मटन और मिठाई के कई तरह के व्यंजन चखे। विशेष रूप से, फुचका और रसमलाई मुझे बहुत पसंद आए।
लोग
कोलकाता के लोग बहुत ही मिलनसार और मेहमाननवाज हैं। मैंने यहां के लोगों के साथ बातचीत करने का भरपूर मौका पाया।
कुल मिलाकर
कोलकाता यात्रा मेरे लिए एक यादगार अनुभव रहा। इस शहर की संस्कृति, इतिहास और लोगों ने मुझे बहुत प्रभावित किया। मैं निश्चित रूप से भविष्य में फिर से कोलकाता आना चाहूंगा।
निष्कर्ष
कोलकाता एक ऐसा शहर है जिसे एक बार देखना चाहिए। यदि आप इतिहास, संस्कृति और खाने के शौकीन हैं, तो कोलकाता आपके लिए एकदम सही जगह है।
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