बुधवार, 18 सितंबर 2013

उदयगिरि की गुफाएँ: ओडिशा का प्राचीन कला खजाना...

 उड़ीसा राज्य के भुवनेश्वर से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित उदयगिरि की गुफाएँ भारतीय इतिहास और कला का एक अद्भुत नमूना हैं। प्राचीन काल से ही यह स्थान धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र रहा है। इन गुफाओं में बनी अनेक मूर्तियाँ और शिल्प भारतीय कला के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। आइए, हम साथ मिलकर उदयगिरि की गुफाओं की यात्रा पर निकलें और इनकी खूबसूरती और महत्व को समझें।

उदयगिरि का इतिहास

उदयगिरि को पहले नीचैगिरि के नाम से जाना जाता था। कालिदास ने भी इसे इसी नाम से संबोधित किया है। 10वीं शताब्दी में विदिशा धार के परमारों के हाथ में आने पर राजा भोज के पौत्र उदयादित्य ने अपने नाम से इस स्थान का नाम उदयगिरि रख दिया। उदयगिरि में कुल 20 गुफाएँ हैं, जिनमें से कुछ 4वीं-5वीं सदी से संबंधित हैं। गुफा संख्या 1 और 20 को जैन गुफा माना जाता है।

गुफाओं की वास्तुकला और कला

उदयगिरि की गुफाओं को पत्थर को काटकर छोटे-छोटे कमरों के रूप में बनाया गया है। इनमें कई प्रकार की मूर्तियाँ उत्कीर्ण की गई हैं, जिनमें विष्णु, शिव, दुर्गा, गणेश आदि देवताओं के साथ-साथ विभिन्न यक्ष, किन्नर और अप्सराओं की मूर्तियाँ शामिल हैं। इन मूर्तियों से उस समय की कला और संस्कृति का पता चलता है।

प्रमुख गुफाएँ

  • गुफा संख्या 1 (सूरज गुफा): यह गुफा सूर्यदेव को समर्पित है।
  • गुफा संख्या 4 (वीणा गुफा): इस गुफा में शिवलिंग और वीणा बजाते हुए एक किन्नर की मूर्ति है।
  • गुफा संख्या 5 (वाराह गुफा): यह गुफा वाराह अवतार की भव्य मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है।
  • गुफा संख्या 6: इस गुफा में विष्णु, दुर्गा, गणेश और द्वारपालों की मूर्तियाँ हैं।
  • गुफा संख्या 13: इस गुफा में शेषशायी विष्णु की मूर्ति है।
  • गुफा संख्या 19: यह गुफा सबसे बड़ी है और इसमें शिवलिंग और समुद्र मंथन का दृश्य उत्कीर्ण है।

उदयगिरि का महत्व

उदयगिरि की गुफाएँ भारतीय कला और संस्कृति के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। ये गुफाएँ हमें गुप्त काल की कला और वास्तुकला के बारे में जानकारी देती हैं। इन गुफाओं में मिली शिलालेखों से हमें उस समय के सामाजिक और धार्मिक जीवन के बारे में भी पता चलता है।

यात्रा की योजना

उदयगिरि की यात्रा करने के लिए आप भुवनेश्वर से बस या टैक्सी द्वारा जा सकते हैं। यहां पर पर्यटकों के लिए सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध हैं। आप यहां पर गुफाओं के अलावा अन्य ऐतिहासिक स्थलों को भी देख सकते हैं।

निष्कर्ष

उदयगिरि की गुफाएँ भारतीय इतिहास और संस्कृति का एक अनमोल खजाना हैं। इन गुफाओं को देखकर हमें गर्व होता है कि हमारे देश में इतनी समृद्ध कला और संस्कृति रही है। अगर आप इतिहास और कला में रुचि रखते हैं, तो आपको उदयगिरि की यात्रा अवश्य करनी चाहिए।

यह यात्रा वृत्तांत आपको उदयगिरि की गुफाओं के बारे में अधिक जानकारी देने में सहायक होगा।

अतिरिक्त सुझाव:

  • यात्रा का सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से मार्च तक
  • क्या ले जाएं: कैमरा, पानी की बोतल, टोपी, सनस्क्रीन
  • कहां ठहरें: भुवनेश्वर में कई होटल और गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं


                                         उदयगिरी के गुफाओ का कुछ  यादगार तस्‍विरे 

उदयगिरी के गुफाओं के पास धुमन्‍तु बाबा 


उदयगिरी के गुफाओं के पास बैठ के सोचते धुमन्‍तु बाबा की इन पत्‍थरो को काट कर कैसे बनाया होगा इन गुफाओं को 


रत्‍नागिरी के पहाडो से खिचा गया एक फोटु 


इस इतिहासिक जगह को देख कर मन प्रसन्‍न हो गया 

बोड पर लिखा गया उदयगिरी के बारे में पढ कर जानकारी लेते धुमनतु बाबा 

उदयगिरी में 5 से 7 रू प्रति पिस नारियल का पानी मिलता है आप जब भी उदयगिरी आए तो नारियल पानी का मजा जरूर ले 


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