दशहरे की छुट्टियों में हिमालय की पहाड़ियों की यात्रा का मन बना चुका था। बद्रीनाथ, केदारनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे पवित्र स्थलों का दर्शन करना मेरा सपना था। 15 सितंबर को कुंभ एक्सप्रेस में 5 अक्तूबर को रिजर्वेशन करवा लिया। 7 अक्तूबर को ऑफिस से छुट्टी लेकर हिमालय की ओर रवाना हो गया।
पटना जंक्शन से कुंभ एक्सप्रेस में सवार होकर यात्रा शुरू हुई। रास्ते में लखनऊ और हरिद्वार होते हुए बद्रीनाथ की ओर बढ़ रहा था। हरिद्वार में गंगा आरती देखना एक अद्भुत अनुभव था।
जोशीमठ और बद्रीनाथ का रास्ता
हरिद्वार से जोशीमठ तक का सफर बहुत ही खूबसूरत था। रास्ते में अलकनंदा और भागीरथी नदियों के संगम ने मन मोह लिया। जोशीमठ में बद्रीनाथ के शीतकालीन मंदिर के दर्शन किए।
बद्रीनाथ धाम
बद्रीनाथ पहुंचकर मन प्रफुल्लित हो गया। मंदिर में दर्शन करने के बाद तप्त कुंड में स्नान किया। बद्रीनाथ के आसपास की प्राकृतिक सुंदरता देखकर मन आनंदित हो गया। माणा गांव की यात्रा भी की, जो भारत का अंतिम गांव है।
यात्रा के अनुभव
- प्रकृति का सानिध्य: हिमालय की गोद में प्रकृति का सानिध्य पाकर मन शांत हुआ।
- धार्मिक स्थलों का दर्शन: बद्रीनाथ और अन्य धार्मिक स्थलों के दर्शन करने से आध्यात्मिक अनुभव हुआ।
- स्थानीय लोगों से मुलाकात: स्थानीय लोगों से मिलकर उनकी संस्कृति और जीवनशैली के बारे में जाना।
- अकेले यात्रा का आनंद: अकेले यात्रा करने से स्वतंत्रता का अनुभव हुआ।
निष्कर्ष
यह यात्रा मेरे जीवन का एक अविस्मरणीय अनुभव रहा। हिमालय की यात्रा ने मुझे शारीरिक और मानसिक रूप से ताज़ा कर दिया।
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हरीद्वार की गंगा आरती |
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चलो कुछ गर्मा गर्म हो जाए |
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चमोली का बस अडडा |
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ब्रदीनाथ जाने के लिए पहाडो में बना नया राश्ता |
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पचास रू का जोशी मठ का खाना |
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जोशीमठ |
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जोशीमठ का बस अडडा यही से ब्रदीनाथ एंव नीती दर्रा तथा औली के लिए गाडीयां जाती है |
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लामबाडा जोशीमठ से 22 कि मी की दुरी पर बसा एक अच्छा बाजार था यहां पर 50 से 55 दुकाने एंव होटले थी 16 जुन के त्रासदी में सब कुछ समाप्त हो गया बचा तो यह मन्दिर वह भी बुरी अवस्था में |
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जे पी का 500 मेगावाट का पावर प्रोजेक्अ जो बुरी तरह समाप्त हो गया है |
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तप्तकुण्ड इसी कुण्ड में स्नान कर के बद्रीविशाल का दर्शन किया जाता है इस कुण्ड में पानी बेहद ही गर्म है जो चर्म रोगो से छुटकारा के लिए बेहद ही अच्छा है |
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बद्रीनाथ का मन्दिर |
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भारत का अन्तिम ग्राम माणा ग्राम |
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भिम पुल इसी के राश्ते स्वगोरोहनी एवं सतोपंथ जाया जाता है |
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माणा गांव में सब्जी की खेती करता एक किसान |
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बद्रीनाथ के समिप बैठे एक बाबा |
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ब्रदीनाथ का बस अडडा जो पुरी तरह से खोली पडा है नही आवे मई जुन में पैर रखने के लिए भी जगह नही मिलेगी |
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हनुमानचटी यहां पर हनुमान जी ने तपस्या किया था |
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बद्रीनाथ में बहता अलकनन्दा नदी |
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बद्रीनाथ में एक दुकान |
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