बुधवार, 10 अक्टूबर 2012

मंदार पर्वत: पौराणिक गाथाओं और प्राकृतिक सौंदर्य का संगम - एक यात्रा वृत्तांत...

     बिहार के भागलपुर मंडल के बाँका जिले में स्थित मंदार पर्वत, धार्मिक आस्था और प्राकृतिक सौंदर्य का एक अद्भुत संगम है। यह लगभग 700 फीट ऊँचा पहाड़, भागलपुर शहर से करीब 45 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है।

पौराणिक महत्व:

हिंदू धर्मग्रंथों में इस पर्वत का उल्लेख "मंदराचल पर्वत" के नाम से मिलता है। पुराणों और महाभारत में वर्णित कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के समय इसी पहाड़ का उपयोग मंथन दंड के रूप में किया गया था, जिससे अमृत (अमरत्व) को प्राप्त किया गया था। यह पर्वत भगवान विष्णु का पवित्र आश्रय स्थल भी माना जाता है। जैन धर्म को मानने वाले लोग प्रसिद्ध तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य से इसे जुड़ा मानते हैं।

धार्मिक महत्व:

पहाड़ी की चोटी पर हिंदू और जैन धर्म के अनुयायियों के दो मंदिर एक दूसरे के बगल में स्थित हैं। मंदार पर्वत के पास ही "पापहरनी" नामक एक तालाब भी है, जो कि काफी पवित्र माना जाता है। कहा जाता है कि इसमें स्नान करने से मानसिक और शारीरिक रूप से स्फूर्ति मिलती है। तालाब के बीचों बीच भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का मंदिर भी स्थित है।

आदिवासी संस्कृति का केंद्र:

आदिवासी मूल के लोग इस क्षेत्र को सिद्धि क्षेत्र मानते हैं और मकरसक्रांति से एक दिन पूर्व यहाँ वो पूरी रात सिद्धि पूजा करते हैं। यहाँ मकरसक्रांति के अवसर पर सबसे बड़ा संताली मेला का आयोजन होता है जिसमें लाखों की संख्या में लोग आते हैं।

प्राकृतिक सौंदर्य:

मंदार पर्वत की प्राकृतिक सुंदरता और पर्वत के पास का तालाब यहाँ के वातावरण को और भी मनोहारी बनाते हैं। पर्वत की चट्टानों पर उत्कीर्ण सैकड़ों प्राचीन मूर्तियां, गुफाएं, ध्वस्त चैत्य और मंदिर धार्मिक और सांस्कृतिक गौरव के मूक साक्षी हैं।

यात्रा का अनुभव:

मंदार पर्वत की यात्रा एक अद्वितीय अनुभव है। यहाँ आकर आप प्राचीन काल की यादों में खो सकते हैं और धर्म और प्रकृति के संगम का आनंद ले सकते हैं। शांत वातावरण और मनोरम दृश्य आपको शांति और सुकून प्रदान करेंगे।

निष्कर्ष:

मंदार पर्वत धार्मिक आस्था और प्राकृतिक सौंदर्य का एक अनूठा संगम है। यह स्थान इतिहास, संस्कृति और धर्म से जुड़े लोगों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है। यदि आप शांति और सुकून की तलाश में हैं, तो मंदार पर्वत आपके लिए एक आदर्श स्थान है।

यात्रा टिप्स:

  • कब जाएं: मकरसक्रांति के समय यहाँ मेला लगता है, आप उस समय जा सकते हैं।
  • क्या लाएं: पानी की बोतल, टोपी, सनस्क्रीन, और कैमरा।
  • कहाँ ठहरें: यहाँ कई छोटे होटल और गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं।
  • क्या खाएं: स्थानीय व्यंजन का स्वाद जरूर लें।

पापहरनी तालाब: यह मंदार पर्वत के निकट स्थित है और इसे विशेष धार्मिक महत्व दिया जाता है।

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