मंगलवार, 30 जुलाई 2024

चोपता - तुंगनाथ :- हिमालय की गोद में शांति और प्रकृति का संगम...


    तुंगनाथ, उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय में स्थित एक ऐसा पवित्र तीर्थस्थल है, जहाँ प्रकृति की मनमोहक छटा और धार्मिक आस्था का अद्भुत संगम होता है। 3,680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ मंदिर, पंच केदारों में सबसे ऊंचा मंदिर है और भगवान शिव को समर्पित है।

यात्रा का मार्ग

मैंने ऋषिकेश से अपनी यात्रा शुरू की। ऋषिकेश से गोपेश्वर होते हुए चोपता का रास्ता चुना। रास्ते में अलकनंदा नदी के किनारे-किनारे का नज़ारा मन को मोह लेता है। रुद्रप्रयाग से ऊखीमठ की ओर बढ़ते हुए मंदाकिनी घाटी के दर्शन हुए। मार्ग संकरा होने के कारण सतर्कता बरतनी पड़ी, लेकिन हिमालय की गोद में यह सफर रोमांच से भरपूर था।

चोपता: बुग्यालों की दुनिया

चोपता पहुंचने पर मैं बुग्यालों की मनमोहक दुनिया में प्रवेश कर गया। मीलों तक फैले मखमली घास के मैदान और खिले फूलों ने मेरा मन मोह लिया। चोपता से तुंगनाथ तक का तीन किलोमीटर का पैदल मार्ग एक अद्भुत अनुभव था।

तुंगनाथ मंदिर: शांति का सागर

तुंगनाथ मंदिर में पहुंचकर मुझे एक अलौकिक शांति का अनुभव हुआ। प्राचीन शिव मंदिर की भव्यता और पवित्र वातावरण ने मन को प्रसन्न कर दिया। यहाँ से थोड़ी दूर पर चंद्रशिला चोटी है, जहाँ से हिमालय का विराट रूप साफ दिखाई देता है।

देवहरिया ताल: प्रकृति का अद्भुत नज़ारा

चोपता के पास देवहरिया ताल भी एक दर्शनीय स्थल है। इस ताल में चौखंभा, नीलकंठ आदि हिमाच्छादित चोटियों के प्रतिबिंब साफ दिखाई देते हैं। ताल के चारों ओर बांस और बुरांश के घने जंगल हैं।

यात्रा का अनुभव

तुंगनाथ की यात्रा मेरे लिए एक यादगार अनुभव रहा। हिमालय की गोद में प्रकृति की गोद में शांति और सुकून का अनुभव करना, जीवन का एक अनमोल पल था।

यात्रा की योजना बनाते समय ध्यान रखने योग्य बातें:

  • सर्वश्रेष्ठ समय: मई से नवंबर तक
  • कैसे पहुंचें: ऋषिकेश से गोपेश्वर या ऊखीमठ होते हुए
  • ठहरने की सुविधा: गोपेश्वर, ऊखीमठ और चोपता में
  • क्या लाएं: गर्म कपड़े, ट्रेकिंग शूज़, पानी की बोतल, कैमरा

निष्कर्ष

तुंगनाथ की यात्रा प्रकृति प्रेमियों और धार्मिक आस्था रखने वालों के लिए एक अनूठा अनुभव है। यदि आप शांति और सुकून की तलाश में हैं, तो तुंगनाथ आपके लिए एक आदर्श स्थान है।










Ghumuntu baba tungnath mandir kay pass may


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