शुक्रवार, 16 अगस्त 2024

ककोलत जलप्रपात - नवादा ,बिहार का छिपा हुआ रत्न...

     बिहार के नवादा जिले में स्थित ककोलत, प्रकृति की गोद में बसा एक ऐसा रत्न है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और पौराणिक महत्व के लिए जाना जाता है। इस यात्रा वृतांत के माध्यम से मैं आपको ककोलत की यात्रा पर ले चलूंगा, ताकि आप इस खूबसूरत जगह की झलक पा सकें। नवादा से 33 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ककोलत पहुंचने के लिए हमें गोविंदपुर पुलिस स्टेशन के पास से गुजरना होता है। राष्ट्रीय राजमार्ग 31 से एक छोटी सी सड़क अलग होकर गोविंदपुर-अकबरपुर रोड के रूप में ककोलत की ओर ले जाती है। इस रास्ते में हमें हरे-भरे खेत, छोटे-छोटे गांव और खूबसूरत नज़ारे देखने को मिलते हैं।

ककोलत का मुख्य आकर्षण यहां का झरना है। 160 फीट की ऊंचाई से गिरता यह झरना गर्मी के मौसम में भी ठंडा रहता है। झरने के नीचे एक विशाल कुंड बना हुआ है, जहां लोग स्नान करते हैं और पिकनिक मनाते हैं। झरने के चारों ओर लहराते पेड़ और हरी-भरी वनस्पति इस जगह को और भी खूबसूरत बनाती हैं।

पौराणिक महत्व

ककोलत का झरना केवल प्राकृतिक सुंदरता के लिए ही प्रसिद्ध नहीं है, बल्कि इसका पौराणिक महत्व भी है। मान्यता है कि त्रेता युग में एक राजा को शाप के कारण अजगर बनना पड़ा था और वह इसी जगह पर रहता था। द्वापर युग में जब पांडव वनवास के दौरान यहां आए थे, तो उन्होंने राजा को शाप से मुक्त कराया था। तब से ही इस झरने में स्नान करने का महत्व और बढ़ गया।

वैशाखी और चैत्र सक्रांति का मेला

वैशाखी और चैत्र सक्रांति के अवसर पर यहां एक बड़े मेले का आयोजन किया जाता है। दूर-दूर से लोग इस मेले में शामिल होने के लिए आते हैं। मेले में झूले, खाने-पीने की दुकानें और अन्य मनोरंजन के साधन होते हैं।

ककोलत में क्या करें

  • झरने में स्नान: गर्मी के मौसम में झरने के ठंडे पानी में स्नान करने का आनंद ले सकते हैं।
  • पिकनिक मनाएं: झरने के किनारे बैठकर दोस्तों और परिवार के साथ पिकनिक मना सकते हैं।
  • प्रकृति का आनंद लें: झरने के आसपास टहलते हुए प्रकृति का आनंद ले सकते हैं।
  • फोटोग्राफी: इस खूबसूरत जगह की तस्वीरें खींच सकते हैं।
  • स्थानीय व्यंजन का स्वाद लें: यहां के स्थानीय व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं।

कैसे पहुंचें

  • हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा गया में है।
  • रेल मार्ग: नवादा रेलवे स्टेशन गया जंक्शन से जुड़ा हुआ है।
  • सड़क मार्ग: राष्ट्रीय राजमार्ग 31 के माध्यम से ककोलत आसानी से पहुंचा जा सकता है।

निष्कर्ष

ककोलत एक ऐसा स्थान है, जहां आप प्रकृति की गोद में शांति और सुकून का अनुभव कर सकते हैं। यदि आप बिहार की यात्रा पर जा रहे हैं, तो ककोलत को अपनी यात्रा सूची में जरूर शामिल करें।

यह यात्रा वृतांत आपको ककोलत की यात्रा के लिए प्रेरित करेगा, ऐसी मुझे उम्मीद है।

नोट -  बिहार सरकार की पहल के बाद जून 2024 से ककोलत  जलप्रपात में काफी बदलाव आया है। इस क्षेत्र को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयास जारी हैं। सरकार ने इस क्षेत्र के विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें पर्यावरण संरक्षण, पर्यटन सुविधाओं का विकास और स्थानीय समुदायों की भागीदारी शामिल है|


















   

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